गुण नियंत्रण
- वर्तमान कृषि प्रणाली में उत्तम गुणवत्ता के कृषि आदानों की समय पर उपलब्धता का विशेष महत्व है। कृषकों द्वारा प्रति ईकाई क्षैत्र से कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त करने हेतु मानक गुणवत्ता के उपयुक्त आदानों का उपयोग लाभकारी है। कृषि आदानों यथा बीज, उर्वरक, कीटनाशी रसायन आदि का गुणवत्ता प्रबन्धन केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी नियमों/अधिनियमों/आदेशों के अनुसार किया जाता है।
- बीज व्यवसाय बीज अधिनियम 1966, बीज नियम 1968 बीज नियंत्रण आदेश 1983, उर्वरक का क्रय-विक्रय उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 तथा कीटनाशी रसायनों का कीटनाशी अधिनियम 1968, कीटनाशी नियम 1971 में निर्दिष्ट प्रावधानों के अनुसार किया जाता है। कृषि आदान निर्माताओं/विक्रेताओं द्वारा उक्त प्रावधानों के अनुसार कार्य नहीं किये जाने पर सुसंगत अधिनियम/नियम/ आदेशों के तहत कार्यवाही की जाती है।
- विभागीय कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के साथ-साथ राज्य में कृषि आदानों की गुणवत्ता बनाये रखने के लिये संबंधित अधिनियमों के तहत विभाग के अधिकारियों को ही आदान निरीक्षक अधिसूचित किया हुआ है। वर्तमान में बीज के 434, उर्वरक के 400 व कीटनाशी रसायनों के 402 अधिकारियों को उनके अधिकारिता क्षेत्र में कार्य करने हेतु राज्य सरकार द्वारा निरीक्षक अधिसूचित किया गया है। उक्त निरीक्षक/अधिकारी राज्य के विभिन्न उपजिलों/जिलों तथा कृषि आयुक्तालय में पदस्थापित है जिनका दायित्व उनके अधिकारिता क्षेत्र में वितरित हो रहे कृषि आदानों की उपलब्धता एवं गुणवत्ता सुनिश्चित करना है।
- गुण नियंत्रण कार्यक्रम अन्तर्गत उर्वरक एवं बीज नमूनों की आहरण प्रक्रिया ‘‘RajAgriQC’’ एप के माध्यम से ऑन लाईन सम्पादित की कार्यवाही की जा रही हैं तथा कीटनाशी रसायन नमूने आहरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। ।
- कृषि आदान विक्रेताओं द्वारा बिलबुक, स्टॉक रजिस्टर का संधारण, बोर्ड पर मूल्य सूची एवं स्टॉक प्रदर्षित करना, स्टॉक में उपलब्ध आदानों के क्रय स्त्रोत का रिकार्ड संधारण एवं नियत स्थान पर भण्डारण आदि कार्य सुनिश्चित करने होते हैं। निरीक्षकों द्वारा कृषि आदान विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों का समय-समय पर निरीक्षण किया जाकर व्यवसायी के अनियमितता पाये जाने पर उपरोक्त अधिनियमों/नियमों/आदेशों के अन्तर्गत सम्बन्धित निर्माता/विक्रेता के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है जिसमें वैधानिक कार्यवाही भी सम्मिलित है। निरीक्षकों द्वारा निरीक्षण के साथ-साथ निर्माता/विक्रेताओं के प्रतिष्ठान पर उपलब्ध कृषि आदानों के नमूने भी आहरित किये जाकर अधिसूचित प्रयोगशालाओं में जांच हेतु भिजवाये जाते हैं जिनकी विश्लेषण रिपोर्ट के अनुसार आगामी कार्यवाही प्रस्तावित की जाती है। खरीफ एवं रबी मौसम पूर्व कृषकों को गुणवत्तापूर्ण कृषि आदानों की उपलब्धता के लिये माह मई-जून एवं सितम्बर-अक्टूबर में विशेष गुण नियंत्रण अभियान संचालित किया जाता है
- वर्ष 2016-17 से 2021-22 (दिसम्बर, 2021) तक आहरित एवं अमानक नमूना का विवरण निम्न प्रकार है-
उर्वरक :-
वर्ष |
नमूना संख्या |
अमानक प्रतिशत |
||
लक्ष्य (संख्या) |
प्रगति |
अमानक |
||
2016-17 |
15000 |
13285 |
108 |
0.81 |
2017-18 |
16000 |
12348 |
100 |
0.81 |
2018-19 |
16000 |
12649 |
90 |
0.71 |
2019-20 |
16000 |
13439 |
154 |
1.15 |
2020-21 | 16000 | 13998 | 708 | 5.18 |
2021-22 (Up to Dec., 2021) |
12000 |
8064 |
418 |
3.84 |
नोटः- वर्ष 2021-22 में विनिर्माण ईकाइयों से आहरित नमूनों के लक्ष्य शामिल नही है।
बीजः-
वर्ष |
नमूना संख्या |
अमानक प्रतिषत |
||
लक्ष्य |
प्रगति |
अमानक |
||
2016-17 |
10750 |
4687 |
118 |
2.51 |
2017-18 |
11000 |
4838 |
84 |
1.74 |
2018-19 |
11000 |
4436 |
57 |
1.28 |
2019-20 |
11000 |
4427 |
65 |
1.48 |
2020-21 | 11000 | 4956 | 114 | 2.31 |
2021-222 (Up to Dec.,2021) |
11000 |
5836 |
190 |
3.52 |
कीटनाषी रसायनः-
वर्ष |
नमूना संख्या |
अमानक प्रतिषत |
||
लक्ष्य |
प्रगति |
अमानक |
||
2016-17 |
3500 |
2791 |
57 |
2.04 |
2017-18 |
3650 |
2963 |
79 |
2.67 |
2018-19 |
3700 |
2736 |
47 |
1.72 |
2019-20 |
3700 |
2526 |
101 |
4.08 |
2020-21 | 3700 | 3021 | 144 | 4.77 |
2021-22 (Up Dec.,2021) |
3700 |
2939 |
134 |
4.65 |
उक्त सभी अमानक नमूनों पर विभिन्न नियमों/अधिनियमों/नियंत्रण आदेशों के तहत वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।
गुण नियंत्रण प्रयोगशालाएॅ
कृषि आदानों के विश्लेषण हेतु राज्य में संचालित गुण नियंत्रण प्रयोगषालाओं (बीज, उर्वरक व कीटनाषी) का विवरण मय विष्लेषण क्षमता निम्न प्रकार है।
कृषि आदान |
प्रयोगशाला |
वार्षिक विश्लेषण क्षमता |
|
बीज |
1 |
दुर्गापुरा (जयपुर) |
10000 |
2 |
श्री गंगानगर |
5000 |
|
3 |
कोटा |
5000 |
|
4 |
चित्तौडगढ |
5000 |
|
5 |
जोधपुर |
5000 |
|
6 |
अलवर |
5000 |
|
7 |
भरतपुर |
5000 |
|
|
योगः- |
40000 |
|
उर्वरक |
1 |
दुर्गापुरा (जयपुर) |
2500 |
2 |
जोधपुर |
2000 |
|
3 |
उदयपुर |
2000 |
|
4 |
भरतपुर |
2000 |
|
5 |
कोटा |
2000 |
|
6 |
अजमेर |
2000 |
|
7 |
श्रीगंगानगर |
2000 |
|
8 |
जैव उर्वरक परी. प्रयो. दुर्गापुरा |
500 |
|
|
योगः- |
15000 |
|
कीटनाशी |
1 |
दुर्गापुरा (जयपुर) |
1000 |
2 |
बीकानेर |
600 |
|
3 |
जोधपुर |
500 |
|
4 |
उदयपुर |
600 |
|
5 |
कोटा |
500 |
|
6 |
श्रीगंगानगर |
300 |
|
7 |
भरतपुर |
200 |
|
|
योगः- |
3700 |
बीज परीक्षण प्रयोगशालाओं में लगभग 75 प्रतिशत बीज प्रमाणीकरण व सर्विस नमूनों एवं लगभग 25 प्रतिशत गुण नियंत्रण कार्यक्रम अन्तर्गत बीज निरीक्षकों द्वारा लिये गये नमूनों का परीक्षण किया जा रहा है।