प्रशिक्षण शाखा द्वारा प्रशिक्षण गतिविधियाँ
1. दो दिवसीय संस्थागत कृषक प्रशिक्षण (एन.एम.ओ.ओ.पी.): -
उद्देश्य :- कृषको को प्रशिक्षण में गर्मी की जुताई, समय पर जुताई के महत्व, बीजोपचार, वर्मी कम्पोस्ट, जिप्सम प्रयोग, मिटटी परीक्षण, फार्म लेवल ग्रेडिगं (खेत पर ही सफाई छनाई, बिनाई व ग्रेडिगं) आदि की जानकारी
देना।
देय सुविधा :-
30 कृषकों के एक समूह पर 24000 रूपये का प्रावधान।
पात्रताः-
प्रशिक्षण में लधु/सीमान्त/महिला कृषकों को प्राथमिकता दी जाती है तथा यथासम्भव प्रशिक्षण में 35 वर्ष तक के युवा कृषकों को शामिल किया जाता है तथा प्रशिक्षण में प्रति ग्राम पंचायत से अधिकतम 5 कृषकों का चयन किया जाता है।
स्थानः-
कृषि विज्ञान केन्द्र/कृषि अनुसंधान केन्द्र/कृषि ग्राहय केन्द्र तथा इन स्थानों पर सुविधा उपलब्घ नहीं होने पर पंचायत समिति स्तर पर कराया जाता है।
2. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन अन्तर्गत फसल तंत्र आधारित प्रशिक्षण (गेहूँ, दलहन एवं पोषक अनाज) : -
उद्देश्य :-
रबी एवं खरीफ फसलों हेतु तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करना।
देय सुविधा :-
कृषक प्रशिक्षण फसल पद्वति आधारित होगे, जो चार सत्र में आयोजित किये जावेगें जिसमें प्रथम सत्र खरीफ से पूर्व द्वितीय सत्र खरीफ फसल के मध्य, तृतीय सत्र रबी पूर्व एवं चतुर्थ सत्र रबी के मध्य आयोजित किये जाते है।
पात्रताः-
प्रशिक्षण में 30 कृषक भाग लेंगें, जिसमें लघु/सीमान्त/अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, स्वयं सहायता समूह एवं महिला कृषकों को प्राथमिकता दी जाती है। चारों सत्रों में उन्ही 30 चयनित कृषकों को प्रशिक्षण दिया जावेगा। प्रशिक्षण में मिशन से जुडे नये कृषकों को प्राथमिकता दी जाती है।
स्थानः-
प्रशिक्षण का आयोजन प्रदर्शन क्षेत्र पर किया जावेगा।